अगर बचपन के बाद कोई अच्छा समय होता है तो वह होता है बैचलर लाइफ का समय. शादी के बाद ज़िन्दगी पूरी बदल जाती है. एक व्यक्ति को ज़िम्मेदार होना पढता है अपनी ज़िम्मेदारियाँ उठानी पढ़ती है. उसको सर अपना ही नहीं बल्कि अपने पार्टनर का भी ख़याल रखना पढता है.
पर बैचलर लाइफ एकदम अलग ही होती है. किसी चीज़ की टेंशन नहीं, जो मर्ज़ी करो कितने भी मुझे उठो सो, कुछ भी खाओ आप अपनी मर्ज़ी का कुछ भी कर सकते है. लड़के और लड़कियों की बैचलर लाइफ में काफी फरक होता है. एक तरफ लड़कियों जो की शादी से पहले भी ज़िम्मेदार होती है वह अपने कपडे अछि से समेटी है रूम साफ़ करती है और लड़के ज़्यादातर उलटे होते है. वह मन मर्ज़ी होते है.
हम ऐसा नहीं कह रहे की सारे लड़के ही ऐसे होते है पर अधिकांश ऐसे ही होते है. आज हम आपको दिखाएंगे ऐसी कुछ तस्वीरें जिनसे आपको पता चलेगा की कितना फरक होता है दोनों की बैचलर लाइफ में.
पार्टी देना
कुछ इस तरह भरा जाता है पेट
जब आती है राशन लाने की बात
पानी भरने का काम कुछ इस तरह किया जाता है पूरा
मेहमान आये तो बोतल छुपाओ
घर की सफाई
किचन का काम नहीं है आसान
कैसी लगी आपको ये तसवीरें ? है न एकदम सही ? हमें कमैंट्स में बताएं क्या आपके साथ भी ऐसा ही होता है. अगर आप भी अपने दोस्तों के साथ PG में रहते है तो आप इन तस्वीरो को ज़्यादा ची से समझेंगे. शेयर करिये यह अपने दोस्तों के साथ.